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Wednesday, August 25, 2010

निखिलेश्वरानंद श्री गुरुचरणों में समर्पित एक शिष्य का प्रेमाश्रु है

यह क्या है 
http://www.facebook.com/Nikhileshwaranand

यह फेसबुक पेज श्री गुरुचरणों में समर्पित एक शिष्य का प्रेमाश्रु है | यह संसार के महानतम गुरु के तेजोमय व्यक्तित्व का परिचय समस्त मानव जाति से कराने का एक साधन है | यह भीषणतम युद्ध का उद्घोष है | यह गुरूजी की आज्ञानुसार निर्मित एक कृति है |

यहाँ क्या करें

यदि मेरी तरह आप भी मेरे गुरूजी परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद के शिष्य हैं तो सर्वप्रथम अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं | सदस्यों की सूची में आप का नाम होना अनिवार्य है | इसे आप प्रतीकात्मक रूप में गुरूजी के श्री चरणों को स्पर्श करना भी मान सकते हैं | यह इसलिए भी अनिवार्य है क्योंकि कहीं लोगों को यह भ्रम न हो जाये कि मैं गुरूजी का एकमात्र शिष्य हूँ |
संभव हो तो अपने सभी मित्रों को यहाँ आमंत्रित करें |
तदुपरांत आप भित्तिपटल (Wall) पर गुरु मंत्र "ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः" लिख कर सांकेतिक गुरु पूजन सम्पन्न करें | आप प्रतिदिन ऐसा कर गुरुकृपा के पात्र भी बन सकते हैं |
यदि आपकी इच्छा हो तो आप गुरूजी से सम्बंधित संस्मरणों, कथाओं, कविताओं, अनुभवों इत्यादि का वर्णन भी कर सकते हैं |
आप यहाँ गुरूजी के चित्रों, चलचित्रों आदि को भी प्रेषित कर सकते हैं |
यह क्या नहीं है

यह मूर्खों, कायरों, आलसियों, लोभियों, अहंकारियों और राजनीतिज्ञों की शरणस्थली नहीं है | यह व्यक्तिगत समस्याओं, चिंताओं, लालसाओं इत्यादि की अभिव्यक्ति हेतु जनसुलभ स्थान नहीं है | यह मन्त्रों, साधना विधियों के विनिमय व वितरण का केंद्र अथवा विज्ञापनों इत्यादि हेतु उपलब्ध संसाधन तो कदापि नहीं है |

एक याचक कभी साधक नहीं बन सकता इसलिए किसी से कुछ न मांगें |

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