कुश अजमाए हुए पॉवर फुल नुक्ते -- 1
१ काले घोड़े की नाल तो सभी जानते है इस का छला बना कर मध्यमा उंगी में पहन ने से शनि कभी नुकसान नहीं करता और शुभ फल देता है इस नाल को घर के मुख्या दुयार पे लगाने से घर में गलत चीज परवेश नहीं करती !
२ नाव की कील जो तांबे की होती है जयादा कर उसे हासिल करे उसको बिना गरम किये एक छला बना कर पर्थम ऊँगली में धारण करे आपका कोइ भी काम नहीं रुकेगा और साधना करते वक़्त भी रक्षा व् विध्नो का नाश होता है !यह कील कोइ नाव वाला नहीं देता !
३ हाथी दन्त का कड़ा अगर मिल जाये तो उस पे ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र का ११००० हजार जप कर उसे शक्ति कृत करे और गुरुवार को धारण कर ले इस से कोइ भी किसी भी किस्म का तंत्र प्रयोग साधक पे असर नहीं करता और किया हुआ तंत्र निछ्फल हो जाता है !
४ नाग दोन के बूटी होती है उस की जड़ घर रखने से कभी धन की कमी नहीं अति उसे विधि पूर्वक हासिल कर पूजन कर हरे रंग के कपडे में लपेट कर धन रखने की जगह रखना चाहिए !
५ केले की जड़ गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन धारण करने से रुका हुआ साधना कर्म चल पड़ता है !उसे विधि पूर्वक गुरु पुष्य नक्षत्र से एक दिन पहले नियुता देना चाहिए फिर गुरु पुष्य नक्षत्र को ले कर पूजन करे और पीले वस्त्र में लपेट कर धारण कर ले !इस से साधक ही नहीं एक साधारण आदमी के रुके हुए काम भी गतिमान हो जाते है !
१ काले घोड़े की नाल तो सभी जानते है इस का छला बना कर मध्यमा उंगी में पहन ने से शनि कभी नुकसान नहीं करता और शुभ फल देता है इस नाल को घर के मुख्या दुयार पे लगाने से घर में गलत चीज परवेश नहीं करती !
२ नाव की कील जो तांबे की होती है जयादा कर उसे हासिल करे उसको बिना गरम किये एक छला बना कर पर्थम ऊँगली में धारण करे आपका कोइ भी काम नहीं रुकेगा और साधना करते वक़्त भी रक्षा व् विध्नो का नाश होता है !यह कील कोइ नाव वाला नहीं देता !
३ हाथी दन्त का कड़ा अगर मिल जाये तो उस पे ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र का ११००० हजार जप कर उसे शक्ति कृत करे और गुरुवार को धारण कर ले इस से कोइ भी किसी भी किस्म का तंत्र प्रयोग साधक पे असर नहीं करता और किया हुआ तंत्र निछ्फल हो जाता है !
४ नाग दोन के बूटी होती है उस की जड़ घर रखने से कभी धन की कमी नहीं अति उसे विधि पूर्वक हासिल कर पूजन कर हरे रंग के कपडे में लपेट कर धन रखने की जगह रखना चाहिए !
५ केले की जड़ गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन धारण करने से रुका हुआ साधना कर्म चल पड़ता है !उसे विधि पूर्वक गुरु पुष्य नक्षत्र से एक दिन पहले नियुता देना चाहिए फिर गुरु पुष्य नक्षत्र को ले कर पूजन करे और पीले वस्त्र में लपेट कर धारण कर ले !इस से साधक ही नहीं एक साधारण आदमी के रुके हुए काम भी गतिमान हो जाते है !
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