Pages

Sunday, November 27, 2011

To collapse and initiation of Guruji's photo!

गुरु जी फोटो से भी शक्तिपात व दीक्षा देते है !?????????
मैं चंडीगड़ में ज्योतिष कराल्य चलता था तभी मेरा छोटा भाई मुझसे मिलने आया !गुरु जी की बाते सुन कर उसके मन में भी रूचि पैदा हुई गुरु जी से मिल कर दीक्षा लेने की हम शाम को गुरु मंत्र पे बैठ गये उसे भी साथ बैठा लिया और श्री गुरवे नम का जाप करने को कहा और कहा की जाप गुरु जी के चित्र पर त्राटिक करते हुए करे !अभी जाप शुरू किये हुए थोरा ही समय हुआ था भाई के शरीर में कपन सा शुरू हो गया और वह काप सा रहा था और जाप कर रहा था !ठण्ड के दिन थे लेकिन वोह पसीने से तर वैतर हो रहा था लेकिन जाप किए जा रहा था जब हम उठे तो उस ने बताया के सद्गुरु जी के चित्र से तेज निकाल कर उस में समाये जा रहा था और वोह उस तेज को सेहन नहीं कर रहा था !इस प्रकार उसकी दीक्षा पूर्ण शक्ति पात से हो गई उस के बाद वोह रोज गुरु मन्त्र करने लगा !सद्गुरु जी उसके पास आते और बाते करते उसे स्वरूपा नन्द कह कर बुलाते उसे स्वपन में कही ले जाते और हवन कराते और साधना में कैसे आगे बढना है दीक्षा देते और वोह जो बाते कभी सुनमे भी कठिन लगती है उन बातो के रहस्य भी बताते धीरे धीरे उसका साधना स्तर काफी उचा हो गया !हो भी क्यों ना जब स्व सद्गुरु शिक्षा दे रहे हो साधना स्तर उचा हो ही जाता है !वोह गुरु मन्त्र जो गुरु जी ने उसे दे दिया था !करता कुश दिनों से मेरे घर पर कोई तांत्रिक वार कर रहा था !मैं तो जयादा कर बाहर ही रहता मेरे पीछे वोह घर की जुमेवारी उठाता था !वोह गुरु मन्त्र कर रहा था उस तांत्रिक ने उसे आके उठाना चाह अपनी माया से मगर वोह करता रहा उसी रात स्वपन में एक हवाई जहाज सा उतरा जो कुश उपर आ के रुक गया उस में एक काले रंग का आदमी बैठा था जो राजे की तरह वेश भूषा में था उस के हाथ में एक रसी और एक मुगदर था उस ने उपर से जहाज में से रसी फेकी और एक आदमी वोही तांत्रिक के गले में पड गई और उन्हों ने उसे उपर को उठा लिया और भाई से कहा मैं यमराज हू !यह आदमी आप लोगो को तंग करता था इसे मैं लिजा रहा हू तुम शनिवार को प्रसाद बाँट देना धुप भी लगा देना और उसके कुश ही दिन बाद २ दिन बाद ही वोह तांत्रिक मर गया इस परकार गुरु किरपा से हमारे घर की रक्षा हुई !उसके बाद मैंने उसे सभी अनुभव लिखने को कहा जो पल गुरु जी के साथ बीतते वोह लिख लेता जब मैंने पड़े तो मैं भी दंग रह गया सच मुच गुरु जी की कृपा महान है !और उस के बाद उसके स्वपन में रोज गुरु जी आते उसे शिक्षा देते कभी मोका मिला तो वोह अनुभव भी आप के साथ शेयर करुगा !इस लिए एक बात दिल में रखो गुरु चाहे तो सभी कुश कर सकते है सिर्फ निष्काम भाव से समर्पण होना चाहिए गुरु जी ने उसे अनेक साधनाए स्वपन में संपन करा दी सरस्वती से शाक्षा कार करा दिया और कामधेनु की पूजा भी संपन कराई वोह आज भी गुरु मन्त्र करता है !और आज भी सद्गुरु मार्ग दर्शन देते है !हैं ना गजब की बात उसने गुरु धाम जा के दीक्षा नहीं ली मगर गुरु जी ने स्वयम आ के दीक्षा प्रदान कर दी !एक पल का किया हुआ समर्पण आपको उस विराटसता से जोड़ देता है जिसे शाश्त्रो ने नेति नेति कहा है !गुरु की कथा सच मुच अनत होती है इसे हिरदे में समर्पण भाव पैदा कर समझे वोह खुद ही गुथी सुलझा देते है !(कर्षम )

No comments:

Post a Comment

Mantra-Tantra-Yantra Vigyan
https://mantra-tantra-yantra-science.blogspot.in/