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Thursday, December 1, 2011

six basic forcible ways / steps of sadhna

षटपुरुषार्था साधनम् (निल तंत्रम)
there are six basic forcible ways / steps of sadhna (according to nil tantra)

वाँचन - to read about sadhana

मनन - to think on sadhna (understanding stage for the sadhana and its worth/objectives)

चिँतन - being thoughtful for sadhna (realising stage of what ever had been understood)

दर्शन - to watch sadhnas happening (actually, to understand practical aspects from experienced)

सत्सँग - to discuss about sadhna ( in regards to clear the doubts)

अनुभव - to seek for experience of sadhnas (finally getting started)

आवाहन २४ मे : "सदगुरुदेव ने एक बार बताया था की अगर साधक यह प्रक्रिया बिना गुंजरण तोड़े २० मिनिट तक कर लेता है तो वह शून्य मे आसान लगा सकता है. क्यों की जो भी वायु होगी वह गुंजरण के माध्यम से मणिपुर चक्र पर केंद्रित होगी और अग्नि कुंड के कारण वह वायु के कण धीरे धीरे फैलने लगते है. इस प्रकार से वह वायु शरीर से बहार निकलने का प्रयत्न करेगी लेकिन जब शरीर के द्वार बंद रहने से यह संभव नहीं होता तो वह ऊपर दिशा मे गति करने लगती है. इस लिए जब वह ऊपर उठेगी तब अपने साथ ही साथ पुरे शरीर को भी उठा लेती है." :))

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