!! निखिलेश्वरानंद पंचक !!
ॐ नमः निखिलेश्वर्यायै कल्याण्यै ते नमो नमः!
नमस्ते रूद्र रूपिंण्यै ब्रह्म मूर्त्यें नमो नमः !!1!!
नमस्ते क्लेश हारिण्यै मंगलायें नमो नमः!
हरति सर्व व्याधिनां श्रेष्ठ ऋष्यै नमो नमः. !!2!!
शिष्यत्व विष नाशिन्यें पूर्णतायै नमो नमः!
त्रिविध ताप संहत्र्यै ज्ञानदात्र्यै नमो नमः !!3!!
शांति सौभाग्य कारिण्यै शुद्ध मूर्त्यें नमो नमः!
क्षमावत्यै सुधात्यै तेजोवत्यै नमो नमः !!4!!
नमस्ते मंत्र रूपिण्यै तंत्र रूपे नमो नमः!
ज्योतिषं ज्ञान वैराग्यं पूर्ण दिव्यै नमो नमः !!5!!
य इदं पठते स्तोत्रं श्रृणुयात श्रद्धयान्वितम!
सर्व पाप विमुच्यन्ते सिद्ध योगिश्च जायते !!6!!
रोगस्थो रोग तं मुच्येत विपदा त्रानयादपि!
सर्व सिद्धिं भवेत्तस्य दिव्य देहश्च संभवे !!7!!
निखिलेश्वर्य पंचकं नित्यं यो पठते नर:!
सर्वान कामान अवाप्नोति, सिद्धाश्रमवाप्नुयात !!8!
ॐ नमः निखिलेश्वर्यायै कल्याण्यै ते नमो नमः!
नमस्ते रूद्र रूपिंण्यै ब्रह्म मूर्त्यें नमो नमः !!1!!
नमस्ते क्लेश हारिण्यै मंगलायें नमो नमः!
हरति सर्व व्याधिनां श्रेष्ठ ऋष्यै नमो नमः. !!2!!
शिष्यत्व विष नाशिन्यें पूर्णतायै नमो नमः!
त्रिविध ताप संहत्र्यै ज्ञानदात्र्यै नमो नमः !!3!!
शांति सौभाग्य कारिण्यै शुद्ध मूर्त्यें नमो नमः!
क्षमावत्यै सुधात्यै तेजोवत्यै नमो नमः !!4!!
नमस्ते मंत्र रूपिण्यै तंत्र रूपे नमो नमः!
ज्योतिषं ज्ञान वैराग्यं पूर्ण दिव्यै नमो नमः !!5!!
य इदं पठते स्तोत्रं श्रृणुयात श्रद्धयान्वितम!
सर्व पाप विमुच्यन्ते सिद्ध योगिश्च जायते !!6!!
रोगस्थो रोग तं मुच्येत विपदा त्रानयादपि!
सर्व सिद्धिं भवेत्तस्य दिव्य देहश्च संभवे !!7!!
निखिलेश्वर्य पंचकं नित्यं यो पठते नर:!
सर्वान कामान अवाप्नोति, सिद्धाश्रमवाप्नुयात !!8!
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