Saturday, May 14, 2016

Divya Aushadhi brahmi दिव्य औषधी ब्राहमी

जय गुरूदेव
.................
प्रिय भाई बहनों आज मै आपको दिव्य औषधी ब्राहमी के बारे मे और इसकी प्रयोग की विधि बताउंगा
दिमाग तेज़ करता है आयुर्वेदिक ब्राह्मी यदि व्यक्ति का दिमाग तेज़ है तो फिर वो जग जीत सकता है। यदि मनुष्य का दिमाग स्वस्थ है तो फिर चिंता की कोई बात नहीं है। दिमाग की तरोताजगी के लिए आयुर्वेद में ब्रहमी विशेष उपयोगी एंव लाभकारी मानी गयी है क्योंकि यह मानव मस्तिष्क की मेघा शक्ति को बढ़ाने में महत्पूर्ण भूमिका निभाती है मस्तिष्क का सम्बन्ध शरीर के विभिन्न अंगो से होता है।
इसलिए जब भी शरीर में किसी प्रकार का रसायनिक या भौतिक परिवर्तन होता है तो, उसकी सूचना सर्वप्रथम मस्तिष्क को पहुंचती है। कहा जाता है कि ’जैसा खाओगे अन्न, वैसा रहेगा मन और जैसा रहेगा मन, वैसा रहेगा तन’। यदि आपका दिमाग स्वसथ्य है तो सम्भवतः शरीर भी स्वस्थ्य रहेगा। अब मैं ब्रहमी के कुछ विशेष उपाय बता रहा हूं, जिनका प्रयोग करके आप अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है।
1- जिन व्यक्तियों को अनिंद्रा से सम्बन्धित शिकायत रहती है, उन्हे यह प्रयोग करना चाहिए। सोने से 1 घन्टा पूर्व 250 मिली0 गर्म दूध में 1 चम्मच ब्रहमी का चूर्ण मिलाकर नित्य सेंवन करने से रात्रि में नींद अच्छी आती है, तनाव से मुक्ति मिलती है एंव स्मरण शक्ति तेज होती है।
2- जिन बच्चों का पढ़ने में मन नहीं लगता एंव घबराते है। उनको 200 मिली0 गर्म दूध में 1 चम्मच ब्रहमी का चूर्ण नित्य सेंवन कराने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती तथा उनका पढ़ाई में मन भी लगने लगता है।
3- जिन जातकों का चन्द्र ग्रह कमजोर होकर अशुभ फल देता है जिसके कारण वे चिड़चिड़े हो जाते है तथा अनिर्णय की स्थिति में रहते है। वह लोग भी उपरोक्त विधि का प्रयोग कर सकते है।
4- ब्रहमी को वास्तु की दृष्टि से भी महत्पूर्ण माना जाता है। जिस घर में ब्रहमी का पेड़ लगा होता है, उस परिवार के बच्चों की स्मरण शक्ति अच्छी होती है। और घर में अचानक दुर्घटना होने की आशंका भी नहीं रहती है।