Sunday, June 16, 2019

ashta-laxmi-sadhana अष्ट लक्ष्मी साधना


बस एक बार कर ले घर मे नियमित इस विधि से अष्ट लक्ष्मी साधना !! दिन दो गुनी रात चौं गुनी होगी धन मे वृद्धि !!

जैसा कि हम सब जानते हैं कि पैसा खुदा तो नहीं है पर खुदा से कम भी नहीं है आज के युग में यह बात पूरी तरह से खरी उतरती हैं। मनुष्य के जीवन में आज की सबसे बड़ी समस्या है गरीबी अर्थात निर्धनता यदि मनुष्य के पास पैसा है तो वह टिकता नहीं है और अगर टिकता है तो उतना आता नहीं है धन के अभाव में मनुष्य मान सम्मान प्रतिष्ठा से भी पिछड़ जाता है। हमारे शास्त्रों में भी यह वर्णित है कि मनुष्य को गरीबी दूर करने के लिए माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना जरूर करनी चाहिए पौराणिक शास्त्रों के अनुसार माता लक्ष्मी को चंचला भी कहा जाता है कहते हैं कि चंचला वह होती है जो एक स्थान पर नहीं रूकती अर्थात माता लक्ष्मी इसलिए चंचला है धन को स्थाई बनाने के लिए कुछ उपाय पूजन आराधना मंत्र जाप आदि का विधान है।


ऋषि विश्वामित्र के कठोर आदेश के अनुसार माता लक्ष्मी की साधना बेहद गोपनीय एवं दुर्लभ है तथा इसे गुप्त रखना चाहिए। ऐसा शास्त्रोक्त वर्णित है कि समुद्र मंथन से पूर्व सभी देवता निर्धन और ऐश्वर्य विहीन हो गए थे। तथा लक्ष्मी के प्रकट होने पर देवराज इंद्र ने महालक्ष्मी स्तुति कि जिसे प्रसन्न होकर महालक्ष्मी ने देवराज इंद्र को वरदान दिया कि तुम्हारे द्वारा दिए गए द्वादशाक्षर मंत्र का जो व्यक्ति नियमित रूप से प्रतिदिन तीनों संध्याओं में भक्तिपूर्वक जप करेगा वह कुबेर सदृश ऐश्वर्य युक्त हो जाएगा।

ऐश्वर्य और सौभाग्य देती है दीपावली पर अष्टलक्ष्मी साधना

अष्टलक्ष्मी की साधना का उद्देश्य जीवन में धन के अभाव को मिटा देना होता है इस साधना से भक्तों अनेक परेशानियां दूर हो जाती है आय में वृद्धि होती है । बुद्धि कुशाग्र होती है ।परिवार में खुशहाली आती है समाज में सम्मान प्राप्त होता है पढ़ाई और भोग का सुख मिलता है व्यक्ति का स्वास्थ अच्छा होता है और जीवन में वैभव आता है।

अष्टलक्ष्मी साधना विधि

शुक्रवार की रात तकरीबन 9:00 बजे से 10:30 बजे के बीच गुलाबी कपड़े पहने और गुलाबी आसन का प्रयोग करें ।गुलाबी कपड़े पर श्री यंत्र और अष्टलक्ष्मी का चित्र स्थापित करें। किसी भी थाली में गाय के घी के 8 दीपक जलाएं गुलाब की अगरबत्ती जलाएं लाल फूलों की माला चढ़ाएं। मावे की बर्फी का भोग लगाएं ।अष्टगंध से श्री यंत्र और अष्टलक्ष्मी के चित्र पर तिलक करें। और कमलगट्टे हाथ में लेकर इस मंत्र का यथासंभव जाप करें।



मंत्र: ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा।।

इस जप को पूरा होने के बाद आठो दीपक घर के आठ दिशाओं में लगा दें । तथा कमलगट्टे घर की तिजोरी में स्थापित करें। इस उपाय से जीवन के आठो वर्गों में सफलता प्राप्त होगी।


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