Tuesday, September 13, 2011

Suede venerable saints Dyara Ganesh Saraswati Sadhana

संतो दयारा पूजित साबर गणेश सरस्वती साधना -
यह साधना बहुत ही खास है और हर इन्सान को अंधकार से परकाश की और ले जाती है !व्ही दिव्या दृष्टि पर्दान करने में भी सहायक है !इसे संत मत के कए सिद्ध पुरषों ने सिद्ध किया है !पिश्ले कुश दिनों से सरस्वती की साधना पे ही लेख दे रहा हू क्यों के ज्ञान की देवी के ८ स्वरुप की साधना है और उन में से ज्यादा कर जहा दे चूका हू साबर विधि से आज की साधना बहुत ही खास है और यह ऐसे ही प्राप्त नहीं होती आप आप परयत्न करे इन साधनायो को करने का मुझे विश्वाश है आप को गुरु किरपा से प्राप्ति जरुर होगी !यह साधना याद दस्त बढाने की बेजोड़ साधना है !
साधना काल- यह २१ दिन की साधना है !
माला ------सफेद हक़ीक की ले जा मोतियों की !
बस्तर------- सफेद!
आसन -----सफेद !
भोग --------खीर जा दूध का बना हुआ परशाद !
जप सख्या --एक माला !
समय -----सुभाह जा शाम ७ वजे संध्या का समय इस साधना के लिए उचित रहता है !
विधि --साधना के लिए सभ से पहले इशनान कर के सुध धुले बस्तर पहने और गुरु पूजन और गणेश पूजन कर मानसिक आज्ञा प्राप्त करे और मन को पर्सन रखते हुए सरस्वती का पूजन ज्योत पे ही कर सकते है मतलव ज्योत को ही सरस्वती का स्वरुप मन कर पूजन करे और माता का चीटर भी रख सकते है श्री यंत्र जा सरस्वती यन्त्र पे भी पूजा कर सकते है !एक चंडी की सिलाखा और शहत भी पास रख सकते है सिद्ध होने के बाद किसी भी पूर्णमा जा पंचमी जा बसंत पंचमी के दिन इस से मन्त्र पड़ते हू अपने बचो की जीभ पे ऐं बीज लिख के उन्हें मेघावी बना सकते हो !ना भी रख सको तो भी इसे सपन करे और एक ज्ञान से जोड़ देती है साधक को !जप धीरे धीरे मुख में जा अंतर में ही करे बोल के नहीं !साधना पूरी होने के बाद २१ दिन बाद माला को गले में धारण कर ले और इस तरह साधना सिद्ध हो जाती है आप अपने बच्चे को भी माला पहना सकते है यह साधना सभी परकार के तांत्रिक पर्योगो से भी रक्षा करती है उन पर्योगो को निष्फल कर देती है !इस वारे अगर कोई संका हो जा ना समझ आये तो मुझे मेल कर दीजिये जा नीचे कमेन्ट दे दे आप की जिज्ञाशा शांत कर दूंगा .!साधना समाप्ति के बाद चित्र को पूजा स्थान में स्थापित कर दे !ज्योत पुरे साधना काल में जलती रहे !

साबर मन्त्र ----
ॐ नमो सरस्वती मई स्वर्ग लोक बैकुंठ से आई !
शिव जी बैठे अंगुठ मरोड़!
देवता आया तैतिश करोड़!
संता को रखनी दंता को भक्षनी शिव शक्ति बिन कोन थी !
जीवा ज्वाला सरस्वती हिरदे बसे हमेश भूली वाणी कन्ठ करावे गोरी पुत्र गणेश !,

जय गुरुदेव

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