Tuesday, January 13, 2015

NARAYAN MANTRA SADHANA VIGYAN, GURUDHAM JODHPUR Feb 2015

NARAYAN MANTRA SADHANA VIGYAN, GURUDHAM JODHPUR


मैं आपको बगावत करना सीखा रहा हूँ !
शायद आपको मेरी बात तीखी लगे ,शायद आपको मेरी बात क्रोधमय हो गई हैं !
मगर जो क्रोध नही करता हैं उससे घटिया कोई आदमी नहीं होता, सबसे मरा हुआ जीव होता हैं जिसे क्रोध आता ही नही !
और हमारा देश बर्बाद इसलिए हो गया कि अहिंसा परमो धर्म : कोई थप्पड़ मारे तो दो चार थप्पड़ और खा लीजिये !
मैं कहता हूँ कि थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठे उससे पहले चालीस थप्पड़ मार दीजिये !
मैं आपको यह कह रहा हूँ काहे को हम थप्पड़ खाएं ?
जो लात मारता ,हैं वह जीतता ,यह ध्यान रखिये !
कोई लात लगा देगा तो दूसरा गिर जाएगा, दूसरा लात लगेगी तो उठेगा ही नहीं ! उसको 2 चार थप्पड़ और पड़ेंगे तो वह कहेगा गलती हो गई !
और तुम हाथ जोड़ो तो तुम्हारी हार निश्चित हैं !
गांधी जी ने यह कह दिया अहिंसा परमो धर्म :उस जमाने में जरूरी होगा ,यह उनकी धारणा थी विचार था ! उस जमाने में बुद्ध ने जो कहा सत्य कहा होगा !
मगर वह उस जमाने में था आज वह चीज नहीं ! उस समय बम विस्फोट नही हो रहे थे ,उस समय गोलिया नही चल रही थी Ak-47 रायफल उस समय नही थी आज वर्तमान में बच्चो के हाथो में भी यह सब हैं !
जहाँ भी व्यक्ति अपने धर्म को भूल जाएगा ,जब भारत की हानी होने लगेगी, जब भारत के टुकड़े होने की स्थिति हो जाएगी आर्यावर्त के टुकड़े होने संभावनाए तेज हो जाएंगी तब तब एक व्यक्ति पैदा होगा जो अपने शिष्यों को ज्ञान चेतना देगा ! उनको अहसास कराएगा कि तुम कायर नहीं हो ,बूढ़े नही हो ,तुममे ताकत हैं क्षमता हैं !
अत :आप सभी तैयार होना हैं अर्जुन बनाना होगा आप अपने जीवन में उच्च साधनाए ,आत्मसात कर सके ,ऐसा मैं आपको हृदय से आशीर्वाद देता हूँ !
~सदगुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद !

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