Kundalini Awakening
कुंडलिनी जागरण
कुन्डलिनी Kundalini जागरण साधनात्मक जीवन का सौभाग्य है.
कुन्डलिनी जागरण साधना गुरु के सानिध्य मे करनी चाहिये.
यह शक्ति अत्यन्त प्रचन्ड होती है.
इसका नियन्त्रण केवल गुरु ही कर सकते हैं
यदि आप गुरु दीक्षा ले चुके हैं तो अपने गुरु की अनुमति से ही यह साधना करें.
यदि आपने गुरु दीक्षा नही ली है तो किसी योग्य गुरु से दीक्षा लेकर ही इस साधना में प्रवृत्त हों.
|| ॐ ह्रीं मम प्राण देह रोम प्रतिरोम चैतन्य जाग्रय ह्रीं ॐ नम: ||
यह एक अद्भुत मंत्र है.
इससे धीरे धीरे शरीर की आतंरिक शक्तियों का जागरण होता है और कालांतर में कुण्डलिनी शक्ति जाग्रत होने लगती है.
प्रतिदिन इसका १०८, १००८ की संख्या में जाप करें.
जाप करते समय महसूस करें कि मंत्र आपके अन्दर गूंज रहा है.Kundalini Awakening
मन्त्र जाप के अन्त में कहें
३ बार ---> ॥ ऊं श्री निखिलेश्वरायै नमः ॥
ना गुरोरधिकम,ना गुरोरधिकम,ना गुरोरधिकम
शिव शासनतः,शिव शासनतः,शिव शासनत
निखिलेश्वरानंद मंत्रम :-
॥ निं निखिलेश्वराय नमः ॥
शास्त्र कहता है कि
य: गुरु स: शिव: = जो गुरु हैं वही शिव हैं
विधान :-
1.तीन लाख जप ९० दिनों में पूरा करें.
2.अद्भुत अनुभव होंगे.
कुंडलिनी जागरण
कुन्डलिनी Kundalini जागरण साधनात्मक जीवन का सौभाग्य है.
कुन्डलिनी जागरण साधना गुरु के सानिध्य मे करनी चाहिये.
यह शक्ति अत्यन्त प्रचन्ड होती है.
इसका नियन्त्रण केवल गुरु ही कर सकते हैं
यदि आप गुरु दीक्षा ले चुके हैं तो अपने गुरु की अनुमति से ही यह साधना करें.
यदि आपने गुरु दीक्षा नही ली है तो किसी योग्य गुरु से दीक्षा लेकर ही इस साधना में प्रवृत्त हों.
|| ॐ ह्रीं मम प्राण देह रोम प्रतिरोम चैतन्य जाग्रय ह्रीं ॐ नम: ||
यह एक अद्भुत मंत्र है.
इससे धीरे धीरे शरीर की आतंरिक शक्तियों का जागरण होता है और कालांतर में कुण्डलिनी शक्ति जाग्रत होने लगती है.
प्रतिदिन इसका १०८, १००८ की संख्या में जाप करें.
जाप करते समय महसूस करें कि मंत्र आपके अन्दर गूंज रहा है.Kundalini Awakening
मन्त्र जाप के अन्त में कहें
३ बार ---> ॥ ऊं श्री निखिलेश्वरायै नमः ॥
ना गुरोरधिकम,ना गुरोरधिकम,ना गुरोरधिकम
शिव शासनतः,शिव शासनतः,शिव शासनत
निखिलेश्वरानंद मंत्रम :-
॥ निं निखिलेश्वराय नमः ॥
शास्त्र कहता है कि
य: गुरु स: शिव: = जो गुरु हैं वही शिव हैं
विधान :-
1.तीन लाख जप ९० दिनों में पूरा करें.
2.अद्भुत अनुभव होंगे.