गुरु पूजन कर गुरु मन्त्र ४ माला और १ माला चेतना और १ माला गायत्री मन्त्र के जाप के बाद आप प्रातः 5 बजे सफ़ेद आसन पर बैठ कर विद्धुत माला धारण करें तथा ५ मिनट तक अपनी श्वांस के आवागमन पर मन को केन्द्रित करें, ५ मिनट के बाद अपने मन को भ्रू मध्य मे एकाग्र करते हुए निम्न मंत्र का 32 मिनट तक जप करें|
हरी ॐ 3 बार बोले फिर
सोऽहं १० मिनट का जाप करे दोनों आँखों को बंद कर फिर निम्न मंत्र का 32 मिनट तक जप करें|
!! ॐ सं क्षं हंसः ह्रीं ॐ फट !!
जप के मध्य मे यदि मन भटकने लगता है तो उसे पुनः एकाग्र कर जप करें, जप का समय बड़ा दें! यह प्रयोग सवा माह तक करें उसके बाद माला को नदी में प्रवाहित कर दें ! एस साधना के बाद आप मैं एक नाइ उमंग के साथ कोई डर भय नहीं लगेगा | कोई भी कार्य मैं जो समस्या है आप बाड़ी आसानी से सुलझा लेगे |
जीवन मैं समस्या तो आएगी ही पर उस का सही रूप से समझ कर उस का उपचार कर लिए जाये तो किसी भी प्रकार का भय जीवन मैं आ ही नहीं सकता है
हिरेन्द्र प्रताप सिंह
जय गुरु देव