यह प्रयोग साधक किसी भी सोमवार को कर सकता है.
साधक रात्रीकाल में यह प्रयोग करे तो ज्यादा उत्तम है, वैसे अगर रात्री में करना संभव न हो तो इस प्रयोग को दिन में भी किया जा सकता है.
साधक स्नान आदि से निवृत हो कर लाल वस्त्रों को धारण करे तथा लाल आसान पर बैठ जाए. साधक का मुख उत्तर की तरफ हो.
साधक अपने सामने पारदशिवलिंग को स्थापित करे. साधक गुरु तथा पारद शिवलिंग का पूजन करे तथा गुरुमंत्र का जाप करे और फिरं निम्न मंत्र की ११ माला मंत्र जाप पारदशिवलिंग के सामने करे. यह जाप रुद्राक्ष माला से करना चाहिए.
ॐ नमो भगवते रुद्राय भूत वेताल त्रासनाय फट्
(OM NAMO BHAGAWATE RUDRAAY BHOOT VETAAL TRAASANAAY PHAT)
मंत्र जाप के बाद साधक पारद शिवलिंग को किसी पात्र में रख कर उस पर पानी का अभिषेक उपरोक्त मंत्र को बोलते हुवे करे. यह क्रिया अंदाज़े से १० मिनिट करनी चाहिए. इसके बाद साधक उस पानी को अपने पुरे घर परिवार के सदस्यों पर तथा पुरे घर में छिड़क दे.
इस प्रकार यह क्रिया साधक मात्र ३ दिन करे.
अगर साधक को कोई समस्या नहीं हो तथा मात्र उपरी बाधा से तथा तंत्र प्रयोग से सुरक्षा प्राप्ति के लिए भी अगर यह प्रयोग करना चाहे तो भी यह प्रयोग किया जा सकता है. माला का विसर्जन करने की आवश्यकता नहीं है, साधक इसका उपयोग कई बार कर सकता है.