Large heart side Tntrokt Gnpti spiritual awareness
विशाल हिरदे पक्ष जागरण की तन्त्रोकत गणपती साधना –
साधना में सिद्धि मिलने में तब तक शांशय बना रहता है जब तक हिरदे पक्ष जाग्रत न हो इस लिए सर्व प्रथम हिरदे पक्ष को जगाना चाहिए विशाल हिरदे पक्ष जागरण से ही सिद्धि के दुयार स्व खुल जाते है !और विशाल हिरदे पक्ष जाग्रत होते ही भीतर से खुशी प्रगट होती है और अनाहद चक्र स्व खुल जाता है !अंदर से जब खुशी प्रगट हो तो साधक का मन भीतर से खिल उठता है !वोह अंदर से खुल के हस्ता है पर बाहर सामन्या ही दिखता है !और आगे के चक्रो की यात्रा स्व शुरू हो जाती है !बिना विशाल हिरदे पक्ष जगाए सहसार चक्र को जगाना मुशकल होता है और विशुद चक्र भी जगाना बहुत मुशकल होता है !जहां तक मेरा तजुरबा है इस विशाल हिरदे पक्ष जगाने की सभी से अनुमूल कृति गणपती साधना में है !यह साधना मेरी स्व की अनुभूत है !और इस का प्रयोग मैंने एक गुरु भाई को भी कराया था ! उसे भी अंदर से परम खुशी का एहसास हुया और आज वोह साधना के एक विशिष्ट मुकाम पर है !
स्मानया अवसथा में कुंडलिनी मणिपुर चक्र पे जा कर रुक जाती है ! उसे आगे के लिए गतिमान करने के लिए विशाल हिरदे पक्ष जागरण जरूरी है !इस साधना से मन पे पड़ा माया का पर्दा हट जाता है और साधक को दिव्य अनुभूति होती है ! उसे साधना में होने वाली कमी का स्व एहसास हो जाता है और मन को एकाग्रता मिल जाती है !इस लिए यह एक जरूरी साधना समझते हुये पोस्ट कर रहा हु आशा है आप सभी इस से लाभ उठाए गे और सद्गुरु जी के ज्ञान को हिरदे में वसाते हुए साधना मार्ग को प्रकाशित करेगे ! इस साधना को पूर्ण दिल से करे और प्रथम वार ही सफलता मिल जाती है आगे की साधनयों का मार्ग सुलव हो जाता है यह बात मैं पूरे मनोयोग से कहता हु !
साधना विधि –
1 इस साधना को शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को शुरू करे !यह 11 दिन की साधना है !
2 इस साधना में आप सफ़ेद वस्त्र धारण कर सफ़ेद आसन पे उतरा बिमुख हो कर बैठे !
3 अपने सहमने गणपती विग्रह और गुरु चित्र साथपित करे ! गणपती की मूर्ति कोई भी ले सकते है अगर छतर वाली मूर्ति मिल जाए तो अति उतम है!
4 गुरु स्मरण कर संकल्प करे के मैं अपने मन के सभी विकारो पे विजय पा कर अपने विशाल हिरदे पक्ष को जगाना चाहता हु हे गुरुदेव आप मुझे सफलता प्रदान करे त के मैं साधना मार्ग पे एक गति के साथ वढ़ स्कू ! इतना कह कर जल छोड़ दे और गुरु पूजन करे फिर गणेश पूजन कर निम्न मंत्र की 21 माला करे !
5 जब आपको भीतर से ऐसा लगे की आप खुल के हसना चाहते हैं ! अंदर से एक खुशी का एहसास हो तो समझ ले साधना सफल हुई है ! इस साधना से गणपती के बिबांत्मिक दर्शन भी हो जाते है !
6 इस साधना में आप कोई भी माला ले ले अगर सफटिक मिल जाए तो और भी उतम है !अगर गणपती की मूर्ति न हो तो चित्र पे भी साधना कर सकते है !
7 पूजन के दौरान शुद्ध घी का दीपक जलता रहना चाहिए !
8 साधना के बाद माला को गले में कम से कम 21 दिन धारण जरूर करे और विग्रह जा चित्र को पुजा स्थान में रख दे ! शेष पूजन सामग्री को जल परवाह कर दे !
मंत्र --- ॐ ग्लाम ग्लीम ग्लोम गं गणपतिय नमः!!
Manta – om glam gleem gloum gam ganpatye namah :!
विशाल हिरदे पक्ष जागरण की तन्त्रोकत गणपती साधना –
साधना में सिद्धि मिलने में तब तक शांशय बना रहता है जब तक हिरदे पक्ष जाग्रत न हो इस लिए सर्व प्रथम हिरदे पक्ष को जगाना चाहिए विशाल हिरदे पक्ष जागरण से ही सिद्धि के दुयार स्व खुल जाते है !और विशाल हिरदे पक्ष जाग्रत होते ही भीतर से खुशी प्रगट होती है और अनाहद चक्र स्व खुल जाता है !अंदर से जब खुशी प्रगट हो तो साधक का मन भीतर से खिल उठता है !वोह अंदर से खुल के हस्ता है पर बाहर सामन्या ही दिखता है !और आगे के चक्रो की यात्रा स्व शुरू हो जाती है !बिना विशाल हिरदे पक्ष जगाए सहसार चक्र को जगाना मुशकल होता है और विशुद चक्र भी जगाना बहुत मुशकल होता है !जहां तक मेरा तजुरबा है इस विशाल हिरदे पक्ष जगाने की सभी से अनुमूल कृति गणपती साधना में है !यह साधना मेरी स्व की अनुभूत है !और इस का प्रयोग मैंने एक गुरु भाई को भी कराया था ! उसे भी अंदर से परम खुशी का एहसास हुया और आज वोह साधना के एक विशिष्ट मुकाम पर है !
स्मानया अवसथा में कुंडलिनी मणिपुर चक्र पे जा कर रुक जाती है ! उसे आगे के लिए गतिमान करने के लिए विशाल हिरदे पक्ष जागरण जरूरी है !इस साधना से मन पे पड़ा माया का पर्दा हट जाता है और साधक को दिव्य अनुभूति होती है ! उसे साधना में होने वाली कमी का स्व एहसास हो जाता है और मन को एकाग्रता मिल जाती है !इस लिए यह एक जरूरी साधना समझते हुये पोस्ट कर रहा हु आशा है आप सभी इस से लाभ उठाए गे और सद्गुरु जी के ज्ञान को हिरदे में वसाते हुए साधना मार्ग को प्रकाशित करेगे ! इस साधना को पूर्ण दिल से करे और प्रथम वार ही सफलता मिल जाती है आगे की साधनयों का मार्ग सुलव हो जाता है यह बात मैं पूरे मनोयोग से कहता हु !
साधना विधि –
1 इस साधना को शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को शुरू करे !यह 11 दिन की साधना है !
2 इस साधना में आप सफ़ेद वस्त्र धारण कर सफ़ेद आसन पे उतरा बिमुख हो कर बैठे !
3 अपने सहमने गणपती विग्रह और गुरु चित्र साथपित करे ! गणपती की मूर्ति कोई भी ले सकते है अगर छतर वाली मूर्ति मिल जाए तो अति उतम है!
4 गुरु स्मरण कर संकल्प करे के मैं अपने मन के सभी विकारो पे विजय पा कर अपने विशाल हिरदे पक्ष को जगाना चाहता हु हे गुरुदेव आप मुझे सफलता प्रदान करे त के मैं साधना मार्ग पे एक गति के साथ वढ़ स्कू ! इतना कह कर जल छोड़ दे और गुरु पूजन करे फिर गणेश पूजन कर निम्न मंत्र की 21 माला करे !
5 जब आपको भीतर से ऐसा लगे की आप खुल के हसना चाहते हैं ! अंदर से एक खुशी का एहसास हो तो समझ ले साधना सफल हुई है ! इस साधना से गणपती के बिबांत्मिक दर्शन भी हो जाते है !
6 इस साधना में आप कोई भी माला ले ले अगर सफटिक मिल जाए तो और भी उतम है !अगर गणपती की मूर्ति न हो तो चित्र पे भी साधना कर सकते है !
7 पूजन के दौरान शुद्ध घी का दीपक जलता रहना चाहिए !
8 साधना के बाद माला को गले में कम से कम 21 दिन धारण जरूर करे और विग्रह जा चित्र को पुजा स्थान में रख दे ! शेष पूजन सामग्री को जल परवाह कर दे !
मंत्र --- ॐ ग्लाम ग्लीम ग्लोम गं गणपतिय नमः!!
Manta – om glam gleem gloum gam ganpatye namah :!