माँ सरस्वती जी कृपा करेगी होली के दिन....
विद्यार्थी जीवन काल मे माँ सरस्वती जी के साबर मंत्र का साधना करनेसे उत्तम फल का प्राप्ति होता है,इस साधना से साधक को जहा माँ का आशीष मिलता है वही मेधा शक्ति का वृद्धि भी होता है॰एक बात हमेशा याद रखना जरूरी है “मंत्र कभी भी निष्फल नहीं होते है,निष्फलता तो साधक के अविश्वास उसे से मिलता है”॰
होली के रात्रि मे माँ सरस्वती जी के चित्र का पंचोपचार पूजन कर निम्न मंत्र का ११,००० बार जाप करे,मंत्र सिद्ध हो जायेगा॰मंत्र सिद्धि के बाद सुबह सूर्योदय से पूर्व तुलसी के २-३ पत्ते शुद्ध जल मे डालकर उसपर ११ बार मंत्र उच्चारण करके जल मे ३ फूँक लगाये और जल को ग्रहण कर लीजिये साथ ही पत्ते भी चभा लीजिये येसा २१ दिन करना आवश्यक है॰
मंत्र:-
॥ ॐ नम: भगवती सरस्वती परमेश्वरी वाग-वादिनी । मम विद्यां देहि,भगवती हंस-वाहिनी समारूढ़ा । बुद्धिं देहि देहि,प्रज्ञां देहि देहि,विद्यां देहि देहि । परमेश्वरी सरस्वती स्वाहा ॥
इस साधना के बहोत सारे लाभ है,आप जो कुछ भी पढ़ोगे उसे भूल नहीं सकते,चमेली के पुष्प से शुक्रवार के दिन पूजन कर चमेली के तेल का दिया लगाये और ढाई दिन तक दिया जलते रहेना चाहिये साथ ही उस स्थान पर बैठे राहिये परंतु सफ़ेद वस्त्र पर कलश स्थापना भी आवश्यक है,येसा विधान करने पर माँ साधक को वरदान स्वरूप सभी विद्या का ज्ञान प्रदान करती है॰
विद्यार्थी जीवन काल मे माँ सरस्वती जी के साबर मंत्र का साधना करनेसे उत्तम फल का प्राप्ति होता है,इस साधना से साधक को जहा माँ का आशीष मिलता है वही मेधा शक्ति का वृद्धि भी होता है॰एक बात हमेशा याद रखना जरूरी है “मंत्र कभी भी निष्फल नहीं होते है,निष्फलता तो साधक के अविश्वास उसे से मिलता है”॰
होली के रात्रि मे माँ सरस्वती जी के चित्र का पंचोपचार पूजन कर निम्न मंत्र का ११,००० बार जाप करे,मंत्र सिद्ध हो जायेगा॰मंत्र सिद्धि के बाद सुबह सूर्योदय से पूर्व तुलसी के २-३ पत्ते शुद्ध जल मे डालकर उसपर ११ बार मंत्र उच्चारण करके जल मे ३ फूँक लगाये और जल को ग्रहण कर लीजिये साथ ही पत्ते भी चभा लीजिये येसा २१ दिन करना आवश्यक है॰
मंत्र:-
॥ ॐ नम: भगवती सरस्वती परमेश्वरी वाग-वादिनी । मम विद्यां देहि,भगवती हंस-वाहिनी समारूढ़ा । बुद्धिं देहि देहि,प्रज्ञां देहि देहि,विद्यां देहि देहि । परमेश्वरी सरस्वती स्वाहा ॥
इस साधना के बहोत सारे लाभ है,आप जो कुछ भी पढ़ोगे उसे भूल नहीं सकते,चमेली के पुष्प से शुक्रवार के दिन पूजन कर चमेली के तेल का दिया लगाये और ढाई दिन तक दिया जलते रहेना चाहिये साथ ही उस स्थान पर बैठे राहिये परंतु सफ़ेद वस्त्र पर कलश स्थापना भी आवश्यक है,येसा विधान करने पर माँ साधक को वरदान स्वरूप सभी विद्या का ज्ञान प्रदान करती है॰