पारद विग्रह के सम्बन्ध में :
मित्रों ,
पारद का एक नाम quick silver भी हैं इसी कारण जब भी बाज़ार में चाँदी के भाव में उछाल आता हैं तो पारे के प्रति किलोग्राम मूल्य में भी उछाल आता ही हैं, अभी दो तीन महीने पहले की बात हैं जब पारा बाज़ार में उपलब्ध ही नहीं हो पा रहा था तब बहुत ही मुश्किल से दिल्ली के बाज़ार में साधारण पारा जो अनेको दोष युक्त होता हैं ८००० रूपये किलो मिल पाया , और उच्चस्तरीय कंपनी का पारा तो १८,००० से २०,००० रूपये किलो मिल रहा था ,
अब आप ही सोचे
जब १००० ग्राम (1 kg)पारा ----- ८००० रुपये
तो १०० ग्राम पारा ---- लगभग ८०० रुपये में ही आएगा ,
तब आप ही सोचे की जब मात्र अशुद्ध पारे की कीमत १०० ग्राम की ही इतनी हैं तब कमसे कम अष्ट संस्कार और स्वर्ण ग्रास देने के बाद वह कितना मूल्य वान हो जायेगा , फिर तो अभी इस विग्रह को निर्माण के दौरान और निर्माण के बाद भी उनके सदगुरुदेव द्वारा भिन्न ग्रंथो में वर्णित प्रक्रिया ओं से गुजरना भी हैं ,
तो कैसे वह विग्रह आपको अंत्यंत अल्प मोलिय मात्र ३०० /४०० रुपये में मिल सकता हैं .
आप सभी जानते हैं कि बाज़ार में अब क्या कहा जाये दुकानों में तो १ -१ रूपये तक के श्री यन्त्र या श्री यन्त्र चित्र मिल रहे हैं जो दुकान दार इतने सारे यंत्रो को रखकर बेच रहा हैं उसे तो आर्थिक अवस्था में कहाँ पहुँच जाना चाहिए , क्योंकि उसके पास इतने यन्त्र रखे तो हैं ही .ज़रा एक बार तो सोचे..
अभी हाल में ही मुझे नरसिगपुर क्षेत्र के एक गुरु भाई के बारे में जाने का मौका मिला ,(मेरे मित्र जो उनसे संपर्क में रहते हैं उन्होंने बताया ) पता चला ,जिस काल में सदगुरुदेव भौतिक स्वरुप में ह मारे मध्य रहे हैं ,
उस काल में वे , किसी अन्य गुरु भाई के साथ बस सदगुरुदेव भगवान् के दर्शन करने आये थे
,
सदगुरुदेव ने उनसे भी आर्थिक स्थति के बारे में पूछ लिया(जो की उस समय उन गुरु भाई की बहुत सामन्य सी थी ) , तो उन्होंने कहा गुरुदेव में कोई बड़ी साधना नही कर पाउँगा आप जो ठीक समझे .
सदगुरुदेव ने एक बहुत छोटा सा श्री यन्त्र उन्हें अपने पास से दिया , और एक गोपनीय बहुत छोटा सा मंत्र भी दिया ,
वह मात्र एक या दो माला मंत्र जप प्रति दिन करते हैं .
वह आज नरसिंग पुर क्षेत्र (जबलपुर के पास ) में करोंडो की सपदा के मालिक हैं ..
कहने का तात्पर्य यह हैं कि की सही प्रक्रिया गत जो भी विग्रह होगा/ यन्त्र होगा , वह निश्चय ही आपके जीवन में कई गुना परिवर्तन लायेगा ही .
तो आप स्वयं ही समझ सकते हैं की क्यों पारद विग्रह के केबल निर्माण की लागत सामान्य से कई कई गुना अधिक क्यों होती हैं ..
मित्रों ,
पारद का एक नाम quick silver भी हैं इसी कारण जब भी बाज़ार में चाँदी के भाव में उछाल आता हैं तो पारे के प्रति किलोग्राम मूल्य में भी उछाल आता ही हैं, अभी दो तीन महीने पहले की बात हैं जब पारा बाज़ार में उपलब्ध ही नहीं हो पा रहा था तब बहुत ही मुश्किल से दिल्ली के बाज़ार में साधारण पारा जो अनेको दोष युक्त होता हैं ८००० रूपये किलो मिल पाया , और उच्चस्तरीय कंपनी का पारा तो १८,००० से २०,००० रूपये किलो मिल रहा था ,
अब आप ही सोचे
जब १००० ग्राम (1 kg)पारा ----- ८००० रुपये
तो १०० ग्राम पारा ---- लगभग ८०० रुपये में ही आएगा ,
तब आप ही सोचे की जब मात्र अशुद्ध पारे की कीमत १०० ग्राम की ही इतनी हैं तब कमसे कम अष्ट संस्कार और स्वर्ण ग्रास देने के बाद वह कितना मूल्य वान हो जायेगा , फिर तो अभी इस विग्रह को निर्माण के दौरान और निर्माण के बाद भी उनके सदगुरुदेव द्वारा भिन्न ग्रंथो में वर्णित प्रक्रिया ओं से गुजरना भी हैं ,
तो कैसे वह विग्रह आपको अंत्यंत अल्प मोलिय मात्र ३०० /४०० रुपये में मिल सकता हैं .
आप सभी जानते हैं कि बाज़ार में अब क्या कहा जाये दुकानों में तो १ -१ रूपये तक के श्री यन्त्र या श्री यन्त्र चित्र मिल रहे हैं जो दुकान दार इतने सारे यंत्रो को रखकर बेच रहा हैं उसे तो आर्थिक अवस्था में कहाँ पहुँच जाना चाहिए , क्योंकि उसके पास इतने यन्त्र रखे तो हैं ही .ज़रा एक बार तो सोचे..
अभी हाल में ही मुझे नरसिगपुर क्षेत्र के एक गुरु भाई के बारे में जाने का मौका मिला ,(मेरे मित्र जो उनसे संपर्क में रहते हैं उन्होंने बताया ) पता चला ,जिस काल में सदगुरुदेव भौतिक स्वरुप में ह मारे मध्य रहे हैं ,
उस काल में वे , किसी अन्य गुरु भाई के साथ बस सदगुरुदेव भगवान् के दर्शन करने आये थे
,
सदगुरुदेव ने उनसे भी आर्थिक स्थति के बारे में पूछ लिया(जो की उस समय उन गुरु भाई की बहुत सामन्य सी थी ) , तो उन्होंने कहा गुरुदेव में कोई बड़ी साधना नही कर पाउँगा आप जो ठीक समझे .
सदगुरुदेव ने एक बहुत छोटा सा श्री यन्त्र उन्हें अपने पास से दिया , और एक गोपनीय बहुत छोटा सा मंत्र भी दिया ,
वह मात्र एक या दो माला मंत्र जप प्रति दिन करते हैं .
वह आज नरसिंग पुर क्षेत्र (जबलपुर के पास ) में करोंडो की सपदा के मालिक हैं ..
कहने का तात्पर्य यह हैं कि की सही प्रक्रिया गत जो भी विग्रह होगा/ यन्त्र होगा , वह निश्चय ही आपके जीवन में कई गुना परिवर्तन लायेगा ही .
तो आप स्वयं ही समझ सकते हैं की क्यों पारद विग्रह के केबल निर्माण की लागत सामान्य से कई कई गुना अधिक क्यों होती हैं ..