Monday, May 3, 2021

Chant the mantra of Matangi Mata

 मातंगी मतंग शिव का नाम है। शिव की यह शक्ति असुरों को मोहित करने वाली और साधकों को अभिष्ट फल देने वाली है। गृहस्थ जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए लोग इनकी पूजा करते हैं। अक्षय तृतीया अर्थात वैशाख शुक्ल की तृतीया को इनकी जयंती आती है।

यह श्याम वर्ण और चन्द्रमा को मस्तक पर धारण करती हैं। यह पूर्णतया वाग्देवी की ही पूर्ति हैं। चार भुजाएं चार वेद हैं। मां मातंगी वैदिकों की सरस्वती हैं।


पलास और मल्लिका पुष्पों से युक्त बेलपत्रों की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर आकर्षण और स्तम्भन शक्ति का विकास होता है। ऐसा व्यक्ति जो मातंगी महाविद्या की सिद्धि प्राप्त करेगा, वह अपने क्रीड़ा कौशल से या कला संगीत से दुनिया को अपने वश में कर लेता है। वशीकरण में भी यह महाविद्या कारगर होती है।


गृहस्थ सुख, शत्रुओं का नाश, विलास, अपार सम्पदा, वाक सिद्धि। कुंडली जागरण, आपार सिद्धियां, काल ज्ञान, इष्ट दर्शन आदि के लिए मातंगी देवी की साधना की जाती है।


मातंगी माता का मंत्र स्फटिक की माला से बारह माला ‘ ॐ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा ‘ मंत्र का जाप करें।



Matangi is the name of Matang Shiva. This power of Shiva is enchanting asuras and giving blessings to seekers. People worship them to make home life better. Akshaya Tritiya means Vaishak Shukla's Tritiya on his birth anniversary.


It bears the black color and the moon on the forehead. This is completely the fulfillment of Vagdevi. The four arms are the four Vedas. Mother Matangi is the Saraswati of the Vedic people.




Worshiping belapatras with palas and mallika flowers develops attraction and pillar power within the person. Such a person who attains the accomplishment of Mathangi Mahavidya, he can subdue the world by his sportsmanship or art music. This Mahavidya is also effective in captivating.




Household happiness, destruction of enemies, luxury, immense wealth, speech accomplishment. Matangi Devi is practiced for awakening horoscopes, abhi siddhis, Kaal Gyan, favored darshan etc.




Chant the mantra of Matangi Mata with the garland of rhinestones, twelve chants of “Hari Ain Bhagwati Matangeshwari Shree Swaha”.

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